Society of Mission 4G Plus- Gaon,Ganga,Goan,Gayatri

गौ, गंगा, गाँव, और गायी के संरक्षण हेतु एक व्यापक पहल

मिशन 4G प्लस एक समर्पित सामाजिक-आंदोलन है जिसकी स्थापना 2017 में हुई — मूल आधार: गाँव, गंगा, गौ और गायत्री। यह संस्था देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण और नैतिक/आध्यात्मिक जागरण के लिए सतत कार्य कर रही है।

1. संस्था का परिचय — क्यों मिशन 4G प्लस महत्वपूर्ण है

भारत की पहचान उसकी सनातन संस्कृति, प्राकृतिक संपदा और सामाजिक मूल्य-परम्पराओं से बनती है। परन्तु तेजी से बदलती दुनिया में ये मूल्य, ग्रामीण आजीविका और पारिस्थितिक संतुलन संकट में भी हैं। मिशन 4G प्लस का उद्देश्य इन्हीं चुनौतियों का समाधान स्थानीय स्तर पर कर के राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालना है — शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, संस्कृति और स्वरोजगार को एक साथ जोड़कर।

 “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” — इस मंगलमय भाव से हमारा कार्य प्रेरित है।

चार आधार-स्तंभ (The 4G pillars)


गौ (गो-सेवा): गाय केवल पशु नहीं — वह पोषण, पारंपरिक कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कड़ी है।
मुख्य कार्यक्रम: गौशाला सहयोग, गोसेवा शिविर, ग्रामीणों को गो-उत्पादों पर प्रशिक्षण, एवं स्थानीय दुग्ध एवं गौ-आधारित उत्पादन का बाज़ार तैयार करना।
प्रभाव: ग्रामीण परिवारों के लिये आय का एक स्थिर स्रोत; कृषि में जैविक उर्वरक का उपयोग; पशुपालन पर निर्भर समुदायों की सुरक्षा।

गंगा संरक्षण: गंगा हमारे जीवन की धारा है। मिशन 4G स्वच्छता अभियानों, जनजातीय-साक्षरता कार्यक्रमों व स्थानीय स्वच्छता समितियों के साथ मिलकर काम करता है।
मुख्य कार्यक्रम: नदीनगर सफाई अभियानों, जल संरक्षण (वर्षा जल संचयन, तालाब पुनर्निर्माण), और स्कूल/समुदायों में पर्यावरण शिक्षा।
प्रभाव: जलगुण में सुधार, स्थानीय स्वास्थ्य लाभ, और नदी के पास रहने वाले समुदायों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार।

गांव विकास: गाँव देश की असली शक्ति हैं। मिशन 4G का फोकस बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार पर है।
मुख्य कार्यक्रम: स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा सामग्री वितरण, स्वच्छता अभियान, ग्रामीण उद्यमिता व कृषि-कौशल प्रशिक्षण।
प्रभाव: पलायन में कमी, स्थानीय अर्थव्यवस्था का सुदृढीकरण, और जीवन-मानक में वृद्धि।

गायत्री (आध्यात्मिक एवं नैतिक जागरण): गायत्री साधना से जीवन में अनुशासन, नैतिकता और सामुदायिक एकता आती है।
मुख्य कार्यक्रम: गायत्री मंत्र-सत्र, योग एवं ध्यान शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम और युवा–नेतृत्व प्रशिक्षण।
प्रभाव: सामाजिक सद्भाव, तनाव में कमी और सकारात्मक नेतृत्व के निर्माण में सहायता।